चंगीलाल भाईसाहब -शरीर के घाव तो भर जाते है लेकिन शब्दों के घाव नहीं भरते

दो पडोसी जोर -जोर

           एक -दूसरे गाली दे रहे थे 

तब ही चंगीलाल से रहा नहीं  गया !

       और बोला ...............

भाईसाहब -शरीर के घाव तो भर जाते है लेकिन शब्दों के घाव नहीं भरते 

          तब कही जाकर लड़ाई शुरू हुई !

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