चंगीलाल के बचपन का शौक

चंगीलाल - मुझे बचपन में बड़ा  शौक था ,अच्छा इंसान बनने का.........! 

मंगीलाल - फिर तुमने ये शौक मार क्यों दिया ? 

चंगीलाल - अरे कहां , बचपन खत्म... शौक खत्म...!

 😛😛😛😛😛

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